
जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर अब सिर्फ जनता के बीच नहीं, बल्कि FIR की शीट पर भी मौजूद हैं। पटना पुलिस ने मंगलवार को हुए एक प्रदर्शन के बाद उन पर केस दर्ज कर लिया है।
क्याहै मामला?
पटना की SP दीक्षा ने बताया, “कल जो विरोध प्रदर्शन हुआ, वह प्रतिबंधित क्षेत्र में था। बार-बार चेतावनी देने के बावजूद प्रदर्शनकारी वहीं पहुँच गए।”
अब मामला दर्ज हुआ है — 9 नामजद और लगभग 2000 ‘गुमनाम’ लोकतांत्रिक योद्धा इस FIR में शामिल हैं।
जांच चल रही है, CCTV और वीडियो फुटेज खंगाले जा रहे हैं। हो सकता है, कुछ चेहरे “वोटर कार्ड से ज़्यादा वायरल” हो जाएँ।
किन धाराओं में मामला दर्ज?
पुलिस के अनुसार:
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सरकारी कार्य में बाधा डालना
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पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की
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प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसपैठ
भारत न्याय संहिता (BNS) की कई धाराएँ PK और उनके समर्थकों के पीछे-पीछे दौड़ रही हैं। अब देखना ये है कि ये “राजनीति की पदयात्रा” कोर्ट परिसर में पहुंचती है या सत्ता गलियारे में।
विरोध या शक्ति प्रदर्शन?
प्रशांत किशोर इस प्रदर्शन के जरिए सरकार की नीतियों और बेरोजगारी के खिलाफ आवाज़ उठा रहे थे। लेकिन पुलिस का कहना है कि ये आवाज़ बहुत ज़्यादा तेज़ थी, और जगह बहुत गलत।
अब जनता पूछ रही है:
“प्रशासन को जनता की आवाज़ सुनाई नहीं दी, या यह आवाज़ अवैध स्पीकर से आई?”
कौन सही, कौन ग़लत?
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पुलिस: “हमने कानून तोड़ने वालों पर कार्रवाई की है।”
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जन सुराज: “हमें लोकतांत्रिक अधिकारों से ही नकारा जा रहा है।”
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जनता: “हम तो बस देख रहे हैं – ड्रामा लाइव है!”
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